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कमियों पर जीत की मिसाल

अमूमन लोग जीवन में साधारण परिस्थतियों से ही हार मान जाते हैं। मगर आज मैं आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताउंगी जिन्होंने अपनी हिम्मत जज़्बे और सुदृढ़ता से असम्भव को भी सम्भव कर दिखाया। जिसने अपने जीवन में मुशिकल से मुश्किल संकटों का सामना किया, और एक मिसाल के रूप में जीवन जिया।


हेलेन केलर एक अमेरिकन महिला थी।जब वह मात्र 19 महीने की थी तो एक बीमारी की वजह से उनकी देखने, सुनने और बोलने की शक्ति चली गई। संघर्षो से भरे इस दौर में हेलेन बहुत जिद्दी और चिड़चिड़ी हो गई थी लेकिन 6 साल की उम्र में वह अपनी शिक्षिका एनी के संपर्क में आई। एनी हेलन के साथ एक दोस्त की तरह रहकर उसे प्रशिक्षित करने लगी। कुछ ही समय बाद एक जिद्दी लड़की अब विनम्र और हंस मुख रहने लगी।इससे उत्साहित होकर एनी हेलन को शिक्षित करने के और नए-नए तरीके आजमाने लगी।एनी ने मैनुअली एल्फाबेट पद्धति से उसे पढाया।हेलन 12 साल की हुई तब वह फिर से बोलने लगी।हेलन में अब चीजों को समझने का एक विशेष गुण विकसित हो चूका था। उन्होंने कुछ समय बाद न्यूयोर्क से संकेत भाषा का भी ज्ञान प्राप्त किया। हेलेन केलर का दिमाग बहुत तेज था, वह बहुत जल्द ही हर कार्य को सीख जाती थी। लगातार कड़ी मेहनत के बाद हेलेन अनेक भाषाए सीख गई।वह दुनिया की पहली ऐसी इंसान बनी जिन्होंने अंधीऔर बहरी होते हुए भी graduation की।

मुश्किलों से भरे इस जीवन में हेलेन ने संघर्ष नहीं छोड़ा।और वे एक कुशल लेखक तथा एक राजनेता भी बनी। उन्होंने अनेक किताबें लिखी। उनकी सबसे प्रसिद्ध किताब है - Story of my life.जो इनके खुद के जीवन पर आधारित है।हेलेन ने जीवन में संघर्षों का मुकाबले करते करते वह कर दिखाया,जो समाज के अन्य मूक बधिर लोगों में लड़ने का जज्बा पैदा करेगा।वर्ष 1936 में इन्हें थियोडोर रूजवेल्ट सम्मान से नवाजा गया. वर्ष 1964 में फ्रीडम एवार्ड तथा 1965 में वीमन हाल ऑफ़ फेम का खिताब भी इन्हें मिला।

मेरे प्यारे दोस्तों,बहुत से लोग अपने जीवन में कुछ कमियां होने पर जीवन को समाप्त कर देने का सोचने लगते है, क्योंकि वे खुद को बोझ समझने लगते है ।उन लोगो को हेलेन केलर जैसे व्यक्तित्व से अवश्य ही प्रेरणा लेनी चाहिए। हेलेन का एक प्रसिद्ध कथन हैं कि - "ना देख पाने से भी बहुत ज्यादा बुरा है कि आपके पास आंखें तो है पर vision नहीं है।"गौर करिएगा इस पर...

बहुत सारी शुभकामनाएं !!!❤️

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