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छोटी सी गुड़िया की बड़ी कहानी

आज मैं एक ऐसी महिला की कहानी से शुरूआत करूंगीं जिसे पढ़ कर आपको यकीन हो जाएगा कि इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति बड़े से बड़ा सपना देख भी सकता है और उस सपने को साकार भी कर सकता है।

यह एक गरीब परिवार में पैदा हुई आदिवासी लड़की की सच्ची कहानी है। उस लड़की के पिता गांव के मुखिया थे। उनके गांव में पढ़ाई का कोई साधन नहीं था लेकिन उसके पिता ने हमेशा बेटी के पढ़ने पर जोर दिया इसलिए वह थोड़ी दूर के उपरबेडा़ गांव में पढ़ने जाती थी। बचपन बेहद अभावों और ग़रीबी में बीता। लेकिन अपनी स्थिति को उसने अपनी मेहनत के आड़े नहीं आने दिया और भूवनेश्वर के रमादेवी विमेंस कालेज में ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पुरी की। उसके बाद कुछ साल वह एक शिक्षक के तौर पर काम करती रही। उसके बाद धीरे धीरे सक्रिय राजनीति में कदम रखा।1997मे रायरंगपुर नगर पंचायत के काउंसलर चुनाव में जीत दर्ज की। फिर वो विधायक,मंत्री और राज्यपाल पद तक पहुंची और कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती चली गई। आज उनका नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो चुका है और इसके लिए सबसे बड़ी मददगार रही -उनकी हार ना मानने वाली प्रवृति।आप जानना चाहेंगे कि वह लड़की आखिर है कौन ? तो जनाब , वो है- हमारे देश की 15 वीं राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ।


क्या कोई सोच सकता था कि गांव में बच्चों को पढ़ाने वाली शिक्षिका देश के सर्वोच्च पद तक पहुंच सकती है। ? क्या कोई सोच सकता था कि उडी़सा के म्यूरभंज जिले के सुदूर गांव में रहने वाली एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति बन सकती है? ज़ाहिर तौर पर नहीं सोचा होगा।


20जून 1958मे जन्मी द्रोपदी मुर्मू सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बनी है।संथाल आदिवासी तबके से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानि राष्ट्रपति पद का सफर तय करने वाली वे अकेली महिला है। वैसे तो हर व्यक्ति के जीवन में अपनी अपनी परेशानियों होती है लेकिन उन सबके बीच द्रोपदी मुर्मू के सामने भी ऐसी अनेक चुनौतियां आई जब वह पूरी तरह टूट गई। निजी जीवन की चुनौतियां ने कई बार उनकी कठिन परीक्षा ली लेकिन फिर भी उन्होंने बड़ी हिम्मत से और अध्यात्म का सहारा लेकर खुद को किसी तरह संभाला शायद इसी से उन्हें पहाड़ जैसे दुखों को सहने की शक्ति मिली।


मेरे प्यारे दोस्तों, द्रोपदी मुर्मू का निर्वाचन इस बात का सबूत है कि जन्म नहीं बल्कि व्यक्ति के कर्म और प्रयास उसकी किस्मत तय करते हैं। है ना?तो फिर सोचना क्या ? कमर कसिए और निकल पड़िए अपने खुद के सपनों को साकार करने के लिए...

ढेरों शुभकामनाएं !!!

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