दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की ख्वाहिश बहुत से लोगों की होती है, लेकिन इसके लिए मजबूत कलेजे और सेहत के साथ ही मन में पक्का इरादा भी होना चाहिए। है ना? राहा मोहर्रक एक ऐसी ही लड़की की कहानी है है जिसने एक ऐसे मुल्क में, जहां महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले बहुत कम अधिकार प्राप्त है,पैदा होने के बावजूद ऐवरेस्ट पर चढ़ने का ख्वाब देखा, और ना केवल देखा बल्कि अनेक मुश्किलों के बावजूद उसको पूरा भी कर दिखाया।
25 वर्षीय राहा मोहर्रक एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सउदी अरब की पहली महिला और सबसे युवा नागरिक बन गई है। राहा मूल रूप से जेद्दा की रहने वाली हैं. स्नातक डिग्री हासिल कर चुकीं राहा अब दुबई में रहती हैं। उनके अभियान दल के सदस्य कहते हैं कि सऊदी अरब जैसे रूढ़िवादी मुस्लिम देश की निवासी राहा को अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए कई बाधाओं का सामना करना पड़ा क्योंकि वहां महिलाओं को काफ़ी सीमित अधिकार मिले हुए हैं. पर्वतारोहण के लिए मोहर्रक के लिए परिवार की अनुमति हासिल करना, “ख़ुद पहाड़ जितनी ही बड़ी चुनौती” थी। हालांकि अब मोहर्रक परिवार राहा का समर्थन करता है। राहा का कहना है, “मुझे ‘सबसे पहला’ होने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता. जब तक कि यह किसी और को दूसरे स्थान पर आने के लिए प्रेरित न करें।”यानि उन्होंने अपने देश की अन्य महिलाओं को एक हिम्मत दी है। उनमें सपने देखने और उन्हें पूरा करने की उम्मीद जगाई है ।
मेरे प्यारे दोस्तों, कठिन समय हर एक के जीवन में आता है।इस दौरान सभी अपना बेस्ट - वर्जन सामने नहीं रख पाते। अपनी ताकतों और क्षमताओं पर भरोसा करके अपने सपनों पर फोकस करें और याद रखे कि आपकी अंदरुनी ताकत आपकी कल्पना से ज्यादा बढ़ी होती है। आजमा के देखिएगा...। बहुत सी शुभकामनाएं!!!